सीतामढ़ी में पूजा समितियों पर एफआईआर के बाद आक्रोश, मुगल काल से हो रही तुलना।

सीतामढ़ी शहर में विसर्जन (एकादश) के दिन प्रतिमा विसर्जन को लेकर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए एफआईआर के बाद पूजा समितियों में आक्रोश बढ़ गया है. पूजा समितियों ने जिला प्रशासन के रवैया की तुलना मुगल काल से कर दी है.मंगलवार को भाजपा नगर मंडल द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित कर कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के ख़िलाफ़ अपना आक्रोश व्यक्त किया. नगर मंडल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के सभी कार्यक्रमों के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. इस फैसले के बाद पार्टी के आलाकमान में हड़कंप मच गया है.इसके अलावा शहर के जानकी स्थान स्थित मां भवानी पूजा समिति ने भी प्रेस वार्ता आयोजित कर सभी पूजा समितियों पर दर्ज एफआईआर को वापस करने की मांग की है. समिति के अध्यक्ष युगल किशोर प्रसाद ने कहा कि यह घटना मुगल काल की याद दिलाती है. पूजा समितियों के निर्गत लाइसेंस, विसर्जन प्रारूप, स्थापित समाज की इस परंपरा को विसर्जन से पहले बदलने का निर्णय है करता है. श्री प्रसाद ने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा मुकदमा में लगाए गए आरोप निराधार है. उन्होंने कहा कि डीएसपी ने अपने ईगो पर लेकर एफआईआर दर्ज कराने का काम किया है. वक्ताओं ने कहा कि जिले के बाहर शिवहर रजिस्ट्री कार्यालय, बैरगनिया रेलवे परिसर, पूर्णिया कोर्ट आदि जगहों पर पूजा हुई है लेकिन सीतामढ़ी में सार्वजनिक पूजा पर रोक लगाई गई.बताते चलें कि शहर में दुर्गा पूजा के अंतिम दिन विसर्जन को लेकर पूजा समितियों और पुलिस के बीच कहासुनी हुई थी. पुलिस का आरोप है कि निर्धारित रूट से विसर्जन नहीं करने पर समझाने के क्रम में उपद्रव किया गया. इस बाबा नगर थाना में पदस्थापित पु°अ°नि° ओमप्रकाश के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
वहीं, दूसरी ओर सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू और भाजपा के चारों विधायकों की चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि नगर विधायक मिथिलेश कुमार ने इस मामले में डीएम से बात की है. विधायक ने सीएम नीतीश कुमार से भी इस मामले को देखने के लिए कहा है. हालांकि इसका नतीजा अब तक शून्य हैं.