MSP क्या है

ये MSP क्या है? क्यों किसान MSP को लेकर सरकार से लड़ रहे है, जानिए MSP से जुड़ी सारी जानकारी

ये MSP क्या है? क्यों MSP को लेकर किसान और सरकार है आपने सामने।

देश का किसान खेत में खेती करने के बजाए 10 दिनों से राजधानी दिल्ली से सटी सीमाओं पर कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. किसानों की सरकार से मांग है कि MSP को जारी रखकर एक लिखित गारंटी दी जाए. वहीं सरकार में खुद पीएम मोदी और कृषि मंत्री MSP को लेकर कई बार कह चुके है कि MSP जारी रहेगा, MSP को लेकर किसान अपनी गलतफहमी दूर करें. इन सारी बातें के बीच सवाल ये है कि ये MSP क्या है?

आखिर MSP को लेकर क्यों सरकार और किसानों के बीच आर-पार की लड़ाई देख जा रही है. आखिर MSP को लेकर किसानों के अंदर क्यों इतना डर बैठा है. क्यों विपक्ष MSP का मुद्दा बनाकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले है.

तो चलिये आज हम आपको सरल भाषा में समझाएंगे की MSP क्या है, और क्यों किसान MSP को लेकर सरकार से लिखित गारंटी चाह रही है.

ये MSP क्या है?

ये  MSP क्या है?

MSP माने Minimum support price या न्यूनतम सर्मथन मूल्य. सरकार कुछ अनाज वाली फसलों के दाम का एक रेट तय करती है, उस रेट पर वो अनाज, सरकार किसानों से खरीदती है. तय किये गये रेट को MSP यानि Minimum support price कहा जाता है. इसके बाद ration system के तहत सरकार MSP पर खरीदे हुए राशन को जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाती है.

बाजारों में उस फसल के रेट भले कम ही क्यों न हो, लेकिन सरकार किसानों से MSP के तय रेट पर ही खरीदती है. यानि बाजारों में फसलों के रेट ऊपर-नीचे होते रहते है लेकिन MSP पर ही सरकार, किसानों से फसल खरीदती है.

MSP से किसानों को फायदा?

MSP से किसानों को फायदा?

MSP तो अपने समझ लिया, लेकिन MSP से किसानों को क्या फायदा है, वो भी हम आपको बताते है.

अगर बाजारों में फसल का दाम गिरता है तो किसानों को भरोसा रहता है कि MSP पर उनकी फसल को सरकार खरीद लेगी. कई किसान तो MSP के रेट देखकर ही अपनी अपनी फसलों की बुआई करते है.

कौन तय करता है MSP

कौन तय करता है MSP

अब सवाल ये है की MSP को तय कौन करता है, फसलों का न्यूनतम सर्मथन मूल्य CAPC यानि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग तय करता है. देखा जाए तो CAPC सभी फसलों के दाम तय करता है. CAPC आयोग खेती के आधार पर फसलों की कम से कम कीमत तय करके सरकार को भेजता है. उसके बाद सरकार MSP की घोषणा करती है.

कब तय होती है MSP

कब तय होती है MSP

हर साल सीजन की फसल आने से पहले सरकार MSP की गणना करती है. और उसी रेट पर किसानों से उनकी फसलें सरकार खरीदती है. किसानों से खरीदी हुई फसल को सरकार अनाजों का Buffer stock बनाती है. FCI और NAFED सरकार का खरीदा हुआ अनाज जमा करती है. उसके बाद जमे हुए अनाज को सरकार Public distribution system (सार्वजनिक वितरण प्रणाली)  के लिए करती है. इसके साथ ही अगर बाजार में किसी अनाज के दाम तेजी से बढ़ते है तो सरकार अपने Buffer stock से अनाज निकालकर बाजारों में लाती है और अनाजों की कीमतों को काबू करती है.  

MSP पर किसानों की लड़ाई

MSP पर किसानों की लड़ाई

MSP को लेकर सरकार और किसानों के बीत बैठक का सिलसिला लगातार जारी. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि MSP पर छिड़ी इस जंग पर क्या फैसला होता है.

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