patel with madhav

कांग्रेस के ‘चाणक्य’ अहमद पटेल की राजनीतिक कहानी

सोनिया का वफादार सिपाही, प्रिंयका का सलाहकार दोस्त और कांग्रेस का मजबूत स्तंभ अब इस दुनिया में नहीं रहा. हम बात कर रहे है कांग्रेस के वरिष्ट नेता अहमद पटेल की, जिन्होंने 25 नंवबर 2020 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. एक महीने पहले कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे पटेल, जिसके बाद से उनकी तबीयत खराब चल रही थी.

कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका 

कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका

अहमद पटेल का दुनिया को अलविदा कहना कांग्रेस पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है. जब कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है…. ऐसे वक्त पर अहमद पटेल का साथ न होना कांग्रेस के लिए एक ऐसे नुकसान की तरह है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. लंबे समय से कांग्रेस पार्टी की चल रही करारी हार और अंदरूनी लड़ाई के बीच, अहमद पटेल का यूं चले जाना एक तरह से कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ा घाटा है, जिसका अंदाजा कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी. अहमद पटेल को याद करते हुए सोनिया ने लिखा है, “मैंने एक वफादार सिपाही खोया है. जिसकी पूरी जिंदगी कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित थी. उनकी वफादारी, लगन और प्रतिबद्धता अपने काम के लिए. हमेशा वो सबकी मदद करने के लिए तैयार रहते थे. उनमें बहुत सारे गुण थे जो उन्हें दूसरों से अगल बनाते थे”.

पिता से सीखे राजनीति के गुण

पिता से सीखे राजनीति के गुण

21 अगस्त साल 1949 को गुजरात के भरूच जिले के पिरामण गांव अहमद पटेल का जन्म हुआ. अहमद पटेल के पिता का नाम मोहम्मद इशकजी पटेल और माता का नाम हवाबेन मोहम्मद पटेल था. पटेल के पिता अपने इलाके के जाने माने कांग्रेस नेता थे, कहा जाता है कि राजनीति के गुण, पटेल ने अपने पिता से ही सीखे. अहमद पटेल ने बड़ौदा की M.S यूनिवर्सिटी से B.SC की डिग्री ली. फिलहाल पटेल के परिवार में उनकी पत्नी मेमूना अहमद पटेल, बेटा फैजल पटेल और एक बेटी हैं, जो राजनीति से कोसो दूर रहते है.  

अहमद पटेल का ‘राजनीतिक सफर’

अहमद पटेल का ‘राजनीतिक सफर’

अहमद पटेल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत नगरपालिका चुनावों से की जिसमें उन्होंने जीत हासिल की, उसके बाद पंचायत के सभापति बने और फिर कांग्रेस पार्टी ज्वाईन की. जहां उन्हें राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया. इसके बाद लगातार साल 1977, 1980 और 1984 में 3 बार लगातार लोकसभा सांसद रहे और 5 बार राज्यसभा सांसद बने साल 1993, 1999, 2005, 2011, 2017 और वर्तमान.

कांग्रेस के रणनीतिकार

कांग्रेस के रणनीतिकार

अहमद पटेल का कांग्रेस के साथ रिश्ता सालों पुराना है. इंदिरा गांधी के दवारा लगाए हुए ‘EMERGENCY’  के बाद हुए चुनावों में जहां कांग्रेस की हार हुई थी, लेकिन अहमद पटेल 1977 के चुनावों में जीतकर विजय हुए थे. और 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे.  

  • 1977-1982 यूथ कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष
  • 1986 अहमद को गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया.
  • 1983 -1984 कांग्रेस के जॉइंट सेक्रेटरी
  • 1985 तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे

सोनिया के ‘राजनीतिक सलाहकार’

सोनिया के ‘राजनीतिक सलाहकार’

साल 2001 में अहमद पटेल को सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार के रुप में चुना गया. साल 2005 में पटेल को रणनीतिकार नियुक्‍त किया गया. और बतौर रणनीतिकार पटेल ने ऐसी रणनीति तैयार की जिसके बाद पार्टी का कद बढ़ा और 2004 और 2009 में लोकसभा चुनावों मे कांग्रेस ने जीत हासिल की. जिसका श्रेय भी अहमद पटेल को ही दिया गया था.  

ये भी पढ़ें –