इस धनतेरस जरूर करें ये उपाय तो होगी भगवान् कुबेर से धन की वर्षा

धनतेरस सतानत धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. वैसे तो धनतेरस का सीधा अर्थ धन से जुड़ा है. लेकिन इस त्योहार का एक पहलू स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है. लोग धनतेरस मनाते तो है. लेकिन क्या आपको पता है कि इसे क्यों मनाया जाता है. इस पर्व की कथा क्या है. इसे मनाने का उद्देश्य क्या है. इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे।

धनतेरस हिन्दू धर्म का एक खास त्योहार है जिसे कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धनवंतरि की पूजा का विशेष महत्व है. देखा जाए तो धनतेरस दीवाली के आने की शुभ सूचना देता है.

शास्त्रों के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. उनके प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं. बता दें कि संसार में चिकित्सा के प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने ये अवतार लिया था. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, धनवंतरी के प्रकट होने के ठीक दो दिन बाद मां लक्ष्मी प्रकट हुईं थीं. यही कारण है कि हर बार दिवाली से दो दिन पहले ही धनतेरस मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान धनवंतरी देवताओं के वैद्य हैं। इनकी भक्ति और पूजा से स्वास्थ्य लाभ मिलता है.

किसी भी त्योहार में पूजा की महत्ता सबसे अधिक होती है. सभी त्योहारों के लिए पूजा कि विधि अलग अलग होती है. अगर उस विधि को सही तरीके से किया जाए तो आपके उपर हमेशा देवी देवताओं की कृपा बनी रहेगी. धनतेरस पर्व पर पूजा में आपकी छोटी सी भी गलती भारी पड़ सकती है. इसलिए हम आज आपको पूजा की विशेष विधि के बारे में जानकारी देंगे. जिसे आप पूजा करते वक्त जरूर ध्यान में रखें. इस विधि से भगवान धन्वंतरि की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।

धनतेरस के दिन विशेष विधि से पूजा करने वाले लोगों को जीवन भर धन की कमी नही होती. साथ ही उनका मान सम्मान भी बढ़ता ही रहता है. इस दिन घर में कोई नई वस्तु खरीदकर लाते है जिसे पूजा में प्रयुक्त किया जाता है. मुख्य रूप से लोग सोने चांदी की वस्तुएं खरीदते हैं. माना जाता है कि इससे लक्ष्मी जी की कृपा बना रहती है.

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। इस पूजा के लिए सबसे पहले मिट्टी का छोटा सा हाथी लेकर उसको तिलक करें और एक चौमुख दीप प्रज्जवलित करें। इस दौरान कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वन्तरि को पीली मिठाई चढ़ाएं. पहले “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें. फिर “धन्वन्तरि स्तोत्र” का पाठ करें. साथ ही भगवान धन्वंतरि और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए दीपक दिखाएं।

इसके पश्चात जो भी नया सामान खरीदकर लाए हैं, उस पर अक्षत रखें. साथ ही पान के पत्ते पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाए. उस पत्ते पर एक सुपारी रख कर गणपति महाराज की पूजा करें. इसके बाद लक्ष्मी जी का ध्यान करके पान का पत्ता उठा कर अपने तिजोरी में रख लें। इस उपाय से वर्ष भर भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की कृपा आप पर बनी रहेगी.