कानपुर देहात

कलयुगी रिश्तेदारों की काली करतूत, अपनों ने ही घर से किया बेघर, दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर है बुजुर्ग

कानपुर देहात में बुजुर्ग अपना मकान होने के बावजूद भी इन सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है.. सिर्फ जमीन के लिए इसके अपने ने ही इसे घर से बाहर फेंक दिया.

  • सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर बुजुर्ग
  • बुजुर्ग को अपनों ने ही किया घर से बेघर
  • अधिकारियों की चौखट पर न्याय के लिए भटक रहा बुजुर्ग
  • नही पसीजा अधिकारियों का पत्थर दिल

तस्वीरों में दिख रहा ये बुजुर्ग अपना मकान होने के बावजूद भी इन सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है.. कानपुर देहात में एक बुजुर्ग को उसके अपनों ने ही से घर से बेघर करके सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर कर दिया.. जहां एक हफ्ते से इस आस में बुजुर्ग सर्दी की राते काटने को मजबूर है कि कोई मसीहा बन कर आएगा और उसे उसका आशियाना फिर से दिलाएगा..

सामने आई अधिकारियों की लापरवाही

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही पुलिस प्रशासन को कडे आदेश दे रखे हों कि किसी भी पीडित को न्याय मिलने में जरा भी देरी नही होनी चाहिए, लेकिन यूपी पुलिस के कानों पर कोई जूं नही रेंगती. जहां ये बेसहारा बुजुर्ग कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुका है.. लेकिन आज तक कोई सुनवाई तक नही हुई.. पिछले एक महीने से अधिकारियों की चौखट पर न्याय के लिए भटक रहे बुजुर्ग की चप्पले घिस गई लेकिन अधिकारियों का पत्थर दिल नही पसीजा.. दरअसल ये पूरा मामला डेरापुर तहसील क्षेत्र के डेरापुर कस्बे का है.. जहां पीड़ित रामभरोसे पिछले एक महीने से अधिकारियों की चौखट पर यह शिकायत करता रहा, कि साहब मेरे घर पर कब्जा हो रहा है मेरी जमीन दिलवा दो, लेकिन अधिकारी बस शिकायती पत्र रख कर उस पर जांच का हवाला देकर बुजुर्ग को तस्सली देते रहे.. नतीज़ा ये हुआ कि बुजुर्ग को अकेला समझ कर उसके भतीजों ने रामभरोसे को समान सहित घर के बाहर पटक दिया.. जिसके बाद अब बुजुर्ग खुले आसमान औऱ सड़क किनारे रहने को मजबूर है.. यहां तक कि रामभरोसे खाने के लिए भी आस पास के लोगो से आस बांधे हुए है।

पड़ोसियों ने सुनाई रामभरोसे की व्यथा

वहीं रामभरोसे की व्यथा सुनाते पड़ोसी कहते है कि अपनी मेहनत की कमाई से जमीन खरीदी और यहां रहकर व्यापार किया..  लेकिन रामभरोसे की बढ़ती उम्र और अकेला देख अब इस बुजुर्ग के अपने ही पराए हो गए.. और रामभरोसे के भतीजे ने उसकी आँखों के सामने बुजुर्ग का सामान सहित उसे सड़क पर पटक दिया।

जमीनीं विवाद का है मामला

इस पूरे मामले को जब उपजिलाधिकारी राजवंशी को बताया तो उनका कहना था कि ये मामला परिवारिक जमीनी विवाद का है.. जहां दोनों लोगो को समझाया गया, लेकिन किसी भी तरीके से बात नही बन पाई.. लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि, क्या परिवार के विवाद में बुजुर्ग को घर से बाहर निकालना प्रशासन की नज़र में सही है. अगर कोई भी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.. रामभरोसे की दर्दभरी दास्तां देखकर तो लगता है जैसे इस युग मे इंसान से ज्यादा कीमत जमीन की है.. जिसकी वजह से बुजुर्ग आज दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

ये भी पढ़ें –