कुशीनगर घूमने आए परिवार के साथ शराबी पुलिसकर्मियों ने किया इतना घिनौना काम

मुम्बई से एक परिवार कुशीनगर घूमने आया था. पूरा परिवार एक होटल में खान खा रहा था इसी दौरान नशे में धुत पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता और छेड़खानी की. जब उन्होने विरोध किया तो उन्हे जेल भेज दिया गया.

  • पर्यटन के लिए आये परिवार पर पुलिस का कहर
  • मुम्बई से कुशीनगर घूमने आया था पूरा परिवार
  • नशे में धुत पुलिसकर्मियों ने की अश्लील हरकतें
  • विरोध करने पर परिजनों को जमकर पीटा
  • पुलिसकर्मियों ने मिटा दिए सारे सबूत
  • पीड़ितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर भेजा जेल

कुशीनगर जिले में भगवान बुद्ध की धरती को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का दर्जा मिला हुआ है यहाँ देश और विदेशों से लोग भगवान बुद्ध के दर्शन करने आते है. पुलिस भी इन पर्यटकों की सुरक्षा के अनेकों दावे करती है. लेकिन मुम्बई से पर्यटन के लिए आये परिवार के साथ जो हुआ उसे जान कर आप हैरान रह जाएंगे. और पुलिस की मिशन शक्ति, पर्यटक सुरक्षा जैसे तमाम दावे केवल खोखले लगेंगे. इतना ही नहीं आप भी अपने परिवार के साथ कुशीनगर के पर्यटन का लुफ्त उठाने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे.

कसया पुलिस अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है. ये पुलिस कभी किसी के निकाह को झूठी सूचना पर रूकवा देती है. तो कभी बेगुनाहों को जेल में डाल देती है. फिलहाल कसया पुलिस अभी अपने नए कारनामें को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. यहाँ परिजनों के साथ पर्यटन के लिए आई महिलाओं के साथ अभद्रता की गई और विरोध करने पर उनके साथ मारपीट भी की गई. इतना ही नहीं पीड़ितों को विभिन्न धाराओं में जेल भी भेज दिया गया.

आपको पूरा मामला और पुलिस पर लगे आरोप बताते हैं. दरअसल मुम्बई से एक परिवार देवरिया में आयोजित शादी समारोह में शामिल होने के लिये आया हुआ था. शादी सम्पन्न होने के बाद इस कुनबे ने मुंबई जाने से पहले कुशीनगर घुमने का मन बना लिया. घूमते- घूमते जब थोड़ा बिलंब हो गया तो एक लॉज में पूरे परिवार के लोग भोजन करने लगे. इस बीच कुशीनगर पुलिस चौकी इंचार्ज अपने दो सहयोगियों के साथ होटल में आए और युवतियों से अश्लील इशारा करने लगे. जिसके बाद पूरा परिवार इनके गंदे इशारे को नजरअंदाज कर जल्दी- जल्दी भोजन कर होटल से निकले के प्रयास में लग गया. परंतु नशे में धुत पुलिस कर्मी लडखड़ाते कदमों से युवतियों के टेबल तक पहुंच गये और युवतियों को आरकेस्ट्रा में काम करने वाली बताने लगे. पुलिस कर्मी बदतमीजी करते हुए युवतियों को धक्का देने लगे. जब उनकी इस हरकत का युवतियों के भाईयों ने विरोध किया तो चौकी इंचार्ज ने मारपीट शुरू कर दी. और थाने से अतिरिक्त फोर्स बुलाकर परिवार को थाने उठा ले गये. युवतियों का कहना है कि थाने में उनके भाईयों की जमकर पिटाई की गयी और घटना को लेकर मोबाइल में मौजूद वीडियो को पुलिस ने डिलीट कर दिया.

जब कसया पुलिस का नशा उतरा और अपनी गलती का एहसास हुआ तो सबूत मिटाने के लिये होटल में लगे सीसीटीवी के डीवीआर बॉक्स को अपने साथ लेते गये. ताकि महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी सामने न आ सके. यही नहीं कसया पुलिस ने युवतियों के परिजनों पर आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया. पर्यटन के लिए आया ये परिवार बेबस होकर अधिकारियों के यहां जाकर अपने साथ पुलिसकर्मियों के अश्लीलता की दास्तां सुनाई. पर इनकी बात सुनकर जांच का हवाला देकर इन्हे घर भेज दिया गया.

वैसे तो सरकार ने कानून के रखवालों को महिलाओं की हिफाजत की बड़ी जिम्मेदारी दी हुई हैं. पर कुशीनगर में अपने लिए न्याय की गुहार लगा रही बच्चियों को न्याय की कोई आस नही दिख रही हैं. क्योंकि महिलाओं के रक्षक पुलिस की भूमिका ही इस पूरे मामले में सन्दिग्ध दिख रही हैं. अगर पुलिस सही थी तो होटल से सबूत क्यों मिटाया. सोचने वाली बात ये है कि अगर पूरा महकमा ही दोषियों को बचाने जैसी कार्रवाई करें तो बाहर से आने वाले पर्यटकों और महिलाओं को एक बार कुशीनगर आने से पहले जरूर सोचना पड़ेगा.