सीतामढ़ी के नरेंद्र कुमार ने पेश की मिसाल, दिल्ली में रहकर यूं बिहार के लिए कर रहे काम।

बिहारियों के लिए ‘ब्रेन ड्रेन’ (Brain Drain) शब्द का इस्तेमाल आमतौर अकसर होता है और ये मौके दर मौके सही साबित भी हुआ है. लेकिन सीतामढ़ी के नरेंद्र कुमार ने इसको गलत साबित किया है.

सीतामढ़ी के नरेंद्र कुमार ने पेश की मिसाल, दिल्ली में रहकर यूं बिहार के लिए कर रहे काम
सीतामढ़ी : बिहारियों के लिए ‘ब्रेन ड्रेन’ (Brain Drain) शब्द का इस्तेमाल आमतौर अकसर होता है और ये मौके दर मौके सही साबित भी हुआ है. लेकिन सीतामढ़ी के नरेंद्र कुमार ने इसको गलत साबित किया है. नरेंद्र कुमार रहते भले हीं दिल्ली में है, लेकिन उनके दिल में आज भी बिहार बसा है और इसलिए वो दिल्ली में रहकर भी बिहार को जीते हैं.

दरअसल, कोरोना काल में नरेंद्र कुमार ने कुछ ऐसे काम किए हैं जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. उन्होंने कोरोना (Coronavirus) काल में ना सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) मुहैया कराया बल्कि लोगों को मुफ्त दवा भी उपलब्ध कराई. नरेंद्र कुमार सफल उद्यमी के साथ सीए, सीएस भी हैं और उनकी पहचान राजनीतिक विश्लेषक (Political Analysist) के तौर पर भी है. इसके अलावा वह एक ‘एनजीओ’ (NGO) भी चलाते हैं, जिसके जरिए वह तमाम जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं.

कोविड से पीड़ित था पूरा परिवार

नरेंद्र कुमार का कहना है कि वो भले ही नोएडा में काम करते हैं लेकिन उनके लिए सीतामढ़ी का विकास पहली प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान उनका पूरा परिवार संक्रमण से ग्रसित था. इस दौरान वो भावुक हो गए और उन्होंने ‘कोविड वार सेंटर’ (Covid War Center) की स्थापना करते हुए पीड़ितों की जमकर मदद की.
5 रुपए में भर पेट खाना
उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी और नोएडा में वह कई जगह 5 रुपए में लोगों को भर पेट खाना खिलाते हैं. वो कहते हैं कि खाना खाने के लिए सबको 5 रुपए देना जरूरी नहीं, लेकिन जिसकी इच्छा होती है वो दे देता है. नरेंद्र कुमार ‘महिला सशक्तिकरण’ (Women Empowerment) से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ‘न्यू इंडिया’ (New India) के सपने को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसे पीएम ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Aatamnirbhar Bharat) का नाम दिया है.
महिला सशक्तिकरण-आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कर रहे काम
कुमार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कंप्यूटर ट्रेनिंग (Computer Training), सिलाई मशीन प्रशिक्षण, फाइनेंशियल लोन (Financial Loan) देने आदि का काम कर रहे हैं. इसके अलावा ‘आत्मनिर्भर भारत’ को लेकर उन्होंने सीतामढ़ी में कॉल सेंटर (Call Center) भी स्थापित किया है. साथ ही, लोगों को अंग्रेजी भाषा (English Langauge Training) की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. उनका मानना है कि अगर हम आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत पांच करोड़ स्वरोजगार पैदा कर सकते हैं, तो यह भारत में 50 करोड़ रोजगार पैदा करेगा. यह पहल 2022 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर ($ 5 Trillion Economy) की अर्थव्यवस्था बनने में मदद कर सकता है.
स्मार्ट गांव प्रोजेक्ट पर कर रहे काम
इसके अलावा वह स्मार्ट गांव बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. इसके तहत उन्होंने सीतामढ़ी के ओलीपुर सरंचियां गांव को स्मार्ट विलेज बनाने का लक्ष्य रखा है और वह इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.